ESSAY

pustak ki atmakatha in hindi-पुस्तक की आत्मकथा पर जोरदार निबंध

नमस्कार भाइयो आज एक बार फिर आपका हमारी पोस्ट पर स्वागत है आज हम आप सभी के लिए एक बेहतरीन आत्मकथा लाये है जो एक पुस्तक पर है हमारी आज की पोस्ट बड़ी ख़ास होने वाली है क्योकि इस पर आज आप सभी को पुस्तक की आत्मकथा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जाएगा। जैसा की आप सभी जानते है की एक पुस्तक हम सभी भाइयो के लिए कितनी जरुरी है। पुस्तक की अहमियत को आज हम आप सभी के सामने लाएंगे ताकि आप लोगो को पता चल सके की एक पुस्तक हमारे जीवन में कितनी महत्पूर्ण है। में उम्मीद करता हूँ की आपको हमरी पोस्ट Pustak ki Atmakatha in Hindi पर लिखा लेख पढ़कर मजा आएगा। 

Pustrak ki aatmakatha hindi mai

स्वागत है आपका मेरा नाम पुस्तक हैमें वो पुस्तक हूँ जो किसी भी इंसान को उचाईयो की बुलंदियों तक ले जाने का सामर्थ्य रखती हूँ।में ही वो वजह हूँ जो आज मानव जाती को इतना सक्षम और इतना तेजस्वी बना रही हूँ.मेरी ही वजह से टेक्नोलॉजी इतनी आगे भड़ पाई है मेरे अंदर जितना भी ज्ञान का सागर है वो सभी में दुनियाँ में रह रहे लोगो में बाट देती हूँ अगर कोई मेरा ज्ञान पाकर बुलंदियों तक पहोच पाता है तो मुझे बेहद खुसी होती है इसलिए में अपना ज्ञान बाटने में कभी पीछे नहीं हटती हूँ। 

जब एक बच्चा अपनी ज़िंदगी का पहली ज्ञानरूपी पुस्तक पढता है तो उसमे भी में ही हूँ में ही उस बच्चे को उस काबिल बनाती हूँ ताकि वे बड़ा होकर एक सक्षम और आदर्शवादी इंसान बन सके। वे आगे जाकर अपने देश के लिए नाम रोशन कर सके। 

मेरे अंदर के ज्ञान को एक बच्चा ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव समाज पढता है में और मेरा ज्ञान एक जगह तक सीमित नहीं है मुझे एक बच्चा भी एक बड़ा भी और एक बुजुर्ग आदमी भी पढ़ कर अपना ज्ञान भाड़ा सकता है कोई मनोरंजन पाने के लिए मेरा सहारा लेता है तो कोई अपने ज्ञान को भड़ाने के लिए में हर काम में सक्षम हूँ इसलिए आज मेरा महत्व इस दुनिया मे हर व्यक्ति जानता है। 

आप सभी को अच्छी तरह पता है की प्राचीन समय में मेरी पुस्तक के ज्ञान को गुरुजन मौखिक तोर पर सभी को सुनाया करते थे। और आपको जानकार हैरानी होगी की उस समय मेरे ज्ञान को बड़े बड़े पेड़ो के पत्तो पर लिखा जाता था जो उस समय के महान ऋषियों दुआरा ही मुमकिन था। लेकिन अब मेरा महत्व इतना भाड़ चूका है की मेरे ज्ञान को जिन पत्तो पर लिखा जाता था उन पत्तो की जगह आज लुगदी से बने कागज़ के पन्नो ने लेली है। मेरे इस ज्ञान को बाटने के लिए आज मुझे एक पुस्तक के रूप में बाजारों में बेचा जाता है। 

मेरे सामर्थ्य का परिचय उन लोगो से पूछो जो आज एक सफल इंसान बन सके है। मेरे ज्ञान में इतनी शक्ति है की जो भी व्यक्ति इसे पढ़ेगा में उसे एक सफल इंसान की गिनती में लाकर खड़ा कर दूंगी। में वो पुस्तक हूँ जो एक अज्ञानी व्यक्ति के अंदर से उसके नीच विचारो को निकाल पल भर में बहार फेक देती हूँ और उसे एक अच्छा इंसान बनती हूँ। मेरे ज्ञान की वजह से ही आज काफी लोग अपनी ज़िंदगी में सफल हो पाए है। 

में वो हूँ जिसमे माँ सरस्वती वास करती है जिस तरह से दुनिया में लोग माँ सरस्वती को पूजते है ठीक उसी के विपरीत लोग मुझे भी पूजते है जब कोई गलती से भी मुझे फाड़ देता है या मेरे साथ या मेरे ज्ञान के साथ अच्छे से पेश नहीं आता तो ऐसे व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकते। ज़िंदगी में अगर तुमने अपने गुरुजनो का माता पिता का सम्मान नहीं किया तो तुम जीवन में कभी एक सफल व्यक्ति नहीं बन पाओगे। तब तो मेरा ज्ञान भी तुम्हारे लायक नहीं रहेगा।

{दोस्तों में उम्मीद करता हूँ की आपको हमारी पोस्ट पर लिखा लेख “Pustak ki Atmakatha in Hindi”  को पढ़कर बेहद मजा आ रहा होगा}

दोस्तों में आपको किसी तरह का उदेश्य या ज्ञान नहीं दे रही हूँ में सिर्फ आप सभी से एक छोटे से सम्मान की उम्मीद करती हूँ। आप सब मुझे पढ़कर मुझसे ज्ञान लेकर मुझे कचरे या रद्दी में बेचोगे तो तुम ही सोचो मुझे कितना बुरा लगता होगा। में सिर्फ इतना चाहती हूँ की आप मुझे सम्मान से पढ़े मेरे ज्ञान को पाकर मुझे फेके न अपने दिल या अपने घर के एक कोने में मुझे छोटी सी जगह देदे जिससे मुझे बेहद आनंद का अनुभव होगा। 

में वो हूँ जिस जगह या जिस दुनिया में लोग मेरा सम्मान करते है मुझे कही कचरे में नहीं फेकते बल्कि अपने घर में जगह देते है में ऐसे इंसान को इतना सफल बनाती हूँ की वो भविष्य में आगे चल कर किसी परिचय का आदि नहीं रहेगा उसका परिचय उसके नाम से जाना जाएगा। सपूर्ण देश उसके बारे में जान सकेगा सम्पूर्ण समाज उसकी जेजे कार करेगा। दोस्तों में आज के समय से नही प्राचीन समय से लेकर अब तक ऐसे काफी लोग है वे सभी लोग आज देश के महान और विद्धवान व्यक्तियों की श्रेणी में आते है। आप सभी मेरा ज्ञान पा कर इन सभी महान व्यक्तियों की श्रेणी में आ सकते हो बस आप मेरा सदुप्योग करे और अपने जीवन के खुद निर्माता बने। 

भाइयो ये पोस्ट बड़े प्यार से आप सभी के लिए लिखी गई थी में उम्मीद करता हूँ की आपको हमारी पोस्ट Pustak ki Atmakatha in Hindi पर एक किताब और उसके ज्ञान के सागर के बारे में जानकार बेहद आनंद आया होगा। इस पोस्ट में आपको एक ही सन्देश देना चाहते है की कोई भी हो इस दुनिया में जिसकी मदद पाकर आप अपनी मंजिल तक पहोचे हो उस व्यक्ति का हमेशा सम्मान करे। धन्यवाद। 

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