POEMS

Self Motivation Poem Hindi – 3 बेस्ट मोटिवेशनल प्रसिद्ध कविताये

दोस्तों आज हमने आप सभी के लिए Self Motivation Poem पर आर्टिकल लाये है। हमारी ज़िंदगी में ऐसा कोई सा भी मोड़ या ऐसा पल कोई नहीं होयता जब हमको मोटिवेशन की जरुरत ना पड़े ज़िंदगी के इस सफर में दुसरो से मिली हमारे लिए बुराइया ही हमे मोटीवेट करती है। जब आप अपनी जिंदगी में कुछ करने का ठान लो तो उसे ख़त्म किये बिना मत रहना। क्योकि तुमने सोचा है पूरा भी तुमको ही करना पड़ेगा।

लेकिन जब हम निराश और प्रेरित महसूस नहीं करते हैं, तो फिर से आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। लेकिन दूसरों से प्रोत्साहन के शब्द हमें आगे बढ़ने की ताकत खोजने में मदद कर सकते हैं। आज हम हिंदी में आत्म-प्रेरणा वाली कविताएँ देख रहे हैं जो आपको आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करेंगी। इन कविताओं को अपने मार्गदर्शक के रूप में, आप अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करने और सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे! तो आइये पढ़ते है Self Motivation Poem Hindi पर लिखी ये लोकप्रिय कविताये। मुझे उम्मीद है की आपको ये जरूर पसंद आएगी। खुजली तुम्हारे मची है मिटानी भी तुमको ही पड़ेगी

Self Motivation Poem Hindi – मोटिवेशन कविता हिंदी में 
Poem on Motivation Hindi – जोश भर देने वाली कविता 

“कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।।”

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है।
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है।
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है।
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में।
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।।

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो।
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम।
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम।।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।।

Short self motivation poem Hindi

“कोशिश कर”

कोशिश कर , हल निकलेगा,
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा,
मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा।
मेहनत कर, पौधों को पानी दे,
बंजर में भी फिर, फल निकलेगा ।
ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी, बल निकलेगा।
सीने में उम्मीदों को, ज़िंदा रख,
समन्दर से भी, गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख, कुछ कर ग़ुज़रने की,
जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा।
कोशिश कर, हल निकलेगा,
आज नहीं तो, कल निकलगा।

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“अग्निपथ”

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

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